स्त्रियां नदिया होती है।
नदियां,नदियां होती हैं, स्त्रियां, स्त्रियां होती हैं, पर नदियों की तरह स्त्री भी निश्चल, निर्झर होकर सतत बहती रहती है निर्बाध लक्ष्य की तरफ, स्त्री का जीवन भी नन्हीं पुत्री, बेटी से शुरू होकर बहन, पत्नी और मां के रूप में दिव्य, विशाल हो जाता है, नदिया भी पहाड़ की छोटी कंदराओं से छोटी धार के रूप मे…