ख़्यालों में बनती है गज़ल
तुम आते हो जब ख्यालों में तो बनती है गज़ल, चले जाते हो छोड़कर तब यही खलती है गज़ल। तुम सो जाओ मेरे पहलू में मैं गुनगुनाऊं तुम्हें, धीरे-धीरे संग मेरी सांसों के भी चलती है गज़ल। जब ना करूं ज़िक्र तुम्हारा किसी मिसरे में तो, नहीं बन पाती मुझे बेहिसाब चलती है गज़ल। दिल के कूचे से निकलता है धुआं अरमानो…
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'ज़िंदगी अनमोल है जाया न कीजिए'
आज लोगों की मानसिकता देखकर आनंद फ़िल्म का राजेश खन्ना जी द्वारा प्रस्तुत एक डायलोग याद आ रहा है कि "बाबू मोशाय ज़िंदगी बड़ी होनी चाहिए लंबी नहीं मैं मरने से पहले मरना नहीं चाहता" पर गौर कीजिए, हम लोग मरने से पहले मर रहे है। फ़ालतू की बातों में अपना वक्त जाया कर रहे है। कोई ज़िंदगी का महत्…
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मां गंगा के जन्मोत्सव पर चुनरी अर्पित किया
( स्वैच्छिक दुनिया ) , दिलीप  मिश्रा कानपुर :-  श्री गंगा दशहरा का पावन पर्व पर श्री माँ गंगा जन्मोत्सव का भव्य  आयोजन सिद्धनाथ घाट पर सुबह आठ से दस बजे के बीच वैदिक विधान से दिव्य पूजन जल, दूध, धही, घृत, शहत्, शकर, पंचामृत, वस्त्र, उपवस्त्र, गन्ध, सिंदूर, रोली, गुलाल, श्रृंगार, वस्तु धूप ,दीप ,भोग…
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