चंद बूंदें मेरे तसव्वुर की
दोस्तों जैसा कि नाम से ही प्रतीत होता है, कि कल्पनाओं की कुछ बूंदें। जी हां भावना ठाकर जी ने इस पुस्तक में अपनी कल्पनाओं की कुछ बूंदें उड़ेली है। भावना की लेखनी में एक अलग सा जादू है। उनके कविताओं के शब्द गहरा अर्थ लिए होते हैं, मैं जितना इन्हें पढ़ती हूं, और पढ़ने की उत्सुकता बढ़ती जाती है। दोस्त…