क्या सोलह सिंगार सचमुच सौभाग्य की निशानी है या महज दिखावा
सोलह सिंगार आज के नहीं देवलोक से चली आई परमपराएं  हैं, जब से सृष्टि का जन्म हुआ पुरुष ने सदा स्त्री को शृंगारित रूप में देखना पसंद किया है।   क्योंकि सोलह सिंगार स्त्री की खूबसूरती में चार चांद लगाती है। वैसे भी भारतीय नारी पति और परिवार के लिए अत्यधिक चिंतित रहती है और ऋगवेद में परिवार की भलाई और …
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तलाश
मुझे तलाश है, बचपन की मस्ती की। यारों संग आंख मिचोली की,  उजड़ी गांव की बस्ती की।  मुझे तलाश है, युवा चेहरों पर मुस्कान की। व्यवहार में संस्कारों की, बात में नेक व ईमान की। मुझे तलाश है, परिवार में एकता की। भाइयों में रजामंदी की, छोटे बड़ों में ममता की। मुझे तलाश है, गौ माता के मान की। वृद्धों के प…
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दोगलेपन का शिकार समाज
ताज्जुब की बात है 21वीं सदी का पढ़ा लिखा, अंग्रेजी झाड़ने वाला, आधुनिक समाज एक औरत की खुशी बर्दाश्त नहीं कर सकता। क्या विधवा हो जाने के बाद, या डिवोर्स हो जाने के बाद स्त्री को खुश रहने का कोई हक नहीं, अपनी ज़िंदगी अपनी मर्ज़ी से जीने का अधिकार नहीं? समाज की घिनौनी और दकियानुसी मानसिकता के अनुसार ह…
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