लोकतंत्र को मजबुत करने की दिशा में एक नई पहल रिमोट वोटिंग व्यवस्था , लोकतंत्र को मजबुत करने की दिशा में सरकार द्वारा एक नई पहल मानी जा सकती है। लोकतंत्र में नियतकालिक चुनाव होना ही लोकतंत्र के जीवित होने का परिचरयक माना जाता है। परन्तु केवल नियतकालिक चुनाव होना ही लोकतंत्र को मजबुत नही बना सकतंा है। लोकतंत्रात्मक शासन प्रणाली में शासन बहुमत का होता हैं। परन्तु 137 करोड़ आबादी वाले देश भारत में मतदान का प्रतिशत चौकाने वाले हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में सत्ता रु0 सजय़ दल को प्राप्त मत का प्रतिशत 37 , 36ः था जबकि राजग को प्राप्त मत 45 प्रतिशत था जो कि पूर्ण मतदान को नहीं दर्शाता हैं। ऐसी परिस्थति में ’ रिमोट ~ वोटिंग सिस्टम ’ की व्यवस्था सरकार द्वारा एक प्रशंसनीय प्रयास पूर्ण मतदान की दिशा में माना जा सकता हैं। त्म्डव्ज्म् टप्ज्प्छळ का अर्थ होता है एक नागरिक द्वारा मतदान का प्रयोग देश के किसी भाग में किसी भी स्थान पर रह कर किया जा सकना हैं। भारत में यह व्यवस्था पहले केवल सर्विस वोटरों, सेना के जवान ,चुनाव कर्मचारी या विदेश में प-सजय़ने या नौकरी करने वालो के लिए थी। वे पत्र के माघ्यम (पोस्टल बैलेट) से अपना वोट डालते हैं। परन्तु वर्तमान में सरकार प्रवासी श्रमिक , महिलाओ के लिए भी यह व्यवस्था करने की तैयारी में हैं। फिलहाल एस्टोनिया ही एक ऐसा देश है जहाँ मतदाताओ को ऑनलाइन वोटिंग का अधिकार हैं।
मेघना कश्यप |
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