'ज़िंदगी अनमोल है जाया न कीजिए'
आज लोगों की मानसिकता देखकर आनंद फ़िल्म का राजेश खन्ना जी द्वारा प्रस्तुत एक डायलोग याद आ रहा है कि "बाबू मोशाय ज़िंदगी बड़ी होनी चाहिए लंबी नहीं मैं मरने से पहले मरना नहीं चाहता" पर गौर कीजिए, हम लोग मरने से पहले मर रहे है। फ़ालतू की बातों में अपना वक्त जाया कर रहे है। कोई ज़िंदगी का महत्व नहीं समझता। आनन फ़ानन में उम्र काट कर निकल जाना है क्या? ज़रा रुकिए, सोचिए ज़िंदगी को हल्के में मत लीजिए। ईश्वर ने एक मौका दिया है इंसान के रुप में धरती पर हमें जो जन्म मिला है वो अपने आप में एक अलौकिक क्रिया है। उम्र की एक अवधि होती है, हममें से कोई नहीं जानता हमारी उम्र कितनी है। रात के सोए अगले दिन की सुबह देखेंगे या नहीं ये भी नहीं जानते। एक बार सीने के भीतर धड़क रहे मशीन ने धड़कना बंद कर दिया हमारा सारा खेल ख़त्म। ये जो देह, ये जो ज़िंदगी मिली है वो एक बार ख़त्म हो गई तो वापस कभी नहीं मिलेगी। पुनर्जन्म की बातें हमनें सिर्फ़ सुनी है वापस जन्म मिलता है या नहीं कोई नहीं जानता। क्यूँ हम किसी बीमार इंसान को बचाने में अपना सबकुछ दाँव पर लगा देते है? हम जानते है की ज़िंदगी कितनी कीमती है, एक बार जो हाथ से निकल गई फिर कभी नहीं मिलती। तो जो जितना वक्त हमारे हाथ में है उस एक-एक पल को क्यूँ न शांत चित्त से मोज में रहकर सबके साथ मिलजुल कर हंसी खुशी से बिताएं। तो आज अभी इसी वक्त से अपना सारा ध्यान ज़िंदगी को जश्न की तरह मनाने में लगा दीजिए। कुछ भी साथ नहीं जाएगा तो एक दूसरे के प्रति इतना वैमनस्य क्यूँ पालना। दुन्यवी एक-एक नज़ारों का लुत्फ़ उठाते, मुस्कान बांटते अपनी शख़्सीयत को दुनिया में प्रस्थापित करते क्यूँ न जिया जाएँ कि, जानें के बाद भी हमारी खुशबू अपनों के दिल में तरों ताज़ा रहे। 
ज़िंदगी बहुत हसीन है यारों जात-पात धर्म और परंपरा के नाम पर लड़ते झगड़ते मत बिताओ। क्यूँ न रिश्तेदारों और पास पड़ोसियों के साथ प्यार और अपनापन रखकर ज़िंदगी की पारी ऐसे खेलकर निकलें की वर्ल्ड रेकार्ड बन जाए, ज़माना याद करें हमारे वजूद को ऐसी छाप छोड़ जाएँ। 
असंख्य खुशियाँ बिखरी है हमारे आसपास उसे गले लगाईये। खुद का ख़याल रखिए आपके परिवार के लिए आप सबकुछ है, पैसों से सब खरीदा जा सकता है ज़िंदगी नहीं, बहुत अनमोल है ज़िंदगी इसे व्यर्थ की उलझनों में उलझकर मत गंवाईये। खुद को ढूँढिए, ईश्वर से मिलिए ज़िंदगी ढ़ोने का नाम नहीं ज़िंदगी उत्सव सी मनाने का नाम है। क्यूँ हम सरल सहज ज़िंदगी नहीं बीता सकते? राग-द्वेष, बैर-नफ़रत पालकर क्यूँ जीते है। भूल जाईये आसपास क्या हो रहा है। हर शै से खुशियाँ, प्यार और आनंद ढूँढिए और भाईचारा फैलाईये, क्यूँकि आनंद बक्षी साहब ने कहा है कि  "ज़िंदगी के सफ़र में गुज़र जाते है जो मुकाम वो फिर नहीं आते, कुछ लोग एक रोज़ जो बिछड़ जाते हैं वो हजारों के आने से मिलते नहीं उम्र भर चाहे कोई पुकारा करे उनका नाम वो फिर नहीं आते" इसलिए खुद को जो ज़िंदगी मिली है उसको, परिवार को और दोस्तों को सहजकर रखिए और ज़िंदगी को जश्न की तरह मनाते भरपूर जी लीजिए। कल किसीने नहीं देखा आज का मजा लीजिए।













 भावना ठाकर 'भावु' 
       बेंगलोर

1         यदि     आप स्वैच्छिक दुनिया में अपना लेख प्रकाशित करवाना चाहते है तो कृपया आवश्यक रूप से निम्नवत सहयोग करे :

a.    सर्वप्रथम हमारे यूट्यूब चैनल Swaikshik Duniya को subscribe करके आप Screen Short  भेज दीजिये तथा

b.      फेसबुक पेज https://www.facebook.com/Swaichhik-Duniya-322030988201974/?eid=ARALAGdf4Ly0x7K9jNSnbE9V9pG3YinAAPKXicP1m_Xg0e0a9AhFlZqcD-K0UYrLI0vPJT7tBuLXF3wE को फॉलो करे ताकि आपका प्रकाशित आलेख दिखाई दे सके

c.       आपसे यह भी निवेदन है कि भविष्य में आप वार्षिक सदस्यता ग्रहण करके हमें आर्थिक सम्बल प्रदान करे।

d.      कृपया अपना पूर्ण विवरण नाम पता फ़ोन नंबर सहित भेजे

e.      यदि आप हमारे सदस्य है तो कृपया सदस्यता संख्या अवश्य लिखे ताकि हम आपका लेख प्राथमिकता से प्रकाशित कर सके क्योकि समाचार पत्र में हम सदस्यों की रचनाये ही प्रकाशित करते है

2         आप अपना कोई भी लेख/ समाचार/ काव्य आदि पूरे विवरण (पूरा पता, संपर्क सूत्र) और एक पास पोर्ट साइज फोटो के साथ हमारी मेल आईडी swaikshikduniya@gmail.com पर भेजे और ध्यान दे कि लेख 500 शब्दों  से ज्यादा नहीं होना चाहिए अन्यथा मान्य नहीं होगा

3         साथ ही अपने जिले से आजीविका के रूप मे स्वैच्छिक दुनिया समाचार प्रतिनिधिब्यूरो चीफरिपोर्टर के तौर पर कार्य करने हेतु भी हमें 8299881379 पर संपर्क करें।

4         अपने वार्षिक सदस्यों को हम साधारण डाक से समाचार पत्र एक प्रति वर्ष भर भेजते रहेंगे,  परंतु डाक विभाग की लचर व्यवस्था की वजह से आप तक हार्डकॉपी हुचने की जिम्मेदारी हमारी नहीं होगी। अतः जिस अंक में आपकी रचना प्रकाशित हुई है उसको कोरियर या रजिस्ट्री से प्राप्त करने के लिये आप रू 100/- का भुगतान करें