रूस यूक्रेन युद्ध) अमेरिका युद्ध की आग मैं घी डालने का काम कर रहा है। ( अमेरिका यूक्रेन को 80 अरब डॉलर की मदद करेगा)

अमेरिका अब तक का सबसे बड़ा औपनिवेशिक तथा साम्राज्यवादी रहा है। वह केवल अपने हित साधने का काम ही करता है। रूस यूक्रेन युद्ध को रोकने की बजाय वाह फिर से यूक्रेन को युद्ध में झोंकते हुए 80 अरब डालर की नई सैन्य मदद कर रहा है। वाशिंगटन की न्यूज़ एजेंसी के अनुसार अमेरिकी राष्ट्रपति ने घोषणा की है कि वह यूक्रेन को रूस के विरुद्ध युद्ध कर अपनी रक्षा करने के लिए $80 की सैन्य मदद करेगा इसके अलावा 144000 कारतूस और सामरिक ड्रोन भी भेजेगा। इस तरह अमेरिका की यूक्रेन को कुल सैन्य सहायता $1 अरब की हो गई है। और अमेरिका ने घोषणा की है की युद्ध मैं लगातार वह यूक्रेन की मदद करेगा इस तरह अमेरिका और यूरोपीय देश यूक्रेन की रूस के विरुद्ध युद्ध में सहायता करके आग में घी डालने का काम कर रहे हैं। जबकि विश्व युद्ध को टालने के लिए पूरा अंतरराष्ट्रीय जगत चिंतित है किंतु युद्ध रोकने की कहीं भी कोई गुंजाइश तथा प्रयास दिखाई नहीं दे रहे हैं। यह अलग मुद्दा है कि रूस के राष्ट्रपति पुतिन अब इस युद्ध को लेकर काफी हताश तथा निराश भी हैं।

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, प्रधानमंत्री मिखाइल मिशुस्टिन और विदेश मंत्री सरगई लावरोव टूटे मनोबल के साथ मनोवैज्ञानिक रूप से काफी निचले स्तर पर पहुंच गए हैं। दूसरी तरफ यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादीमीर जेलेंस्की और उनकी सेना का मनोबल अमेरिका तथा यूरोपीय देशों के समर्थन और हथियारों की सामरिक मदद के कारण काफी ऊंचा हो गया है। हालांकि पूरा का पूरा यूक्रेन तबाही के कगार पर पहुंच गया है,पर उच्च मनोबल के साथ यूक्रेन की सेना रूसी सैनिकों का न सिर्फ सामना कर रही है, बल्कि रूसी पैटर्न टैंकों, विमानों तथा बख्तरबंद गाड़ियों का भारी नुकसान भी जेलेंस्की की सेना कर रही है। रूस के लगभग 15 से 20 हजार सैनिक इस युद्ध में अपनी जान की बलि चढ़ा चुके हैं। आर्थिक रूप से भी रूस का हर रोज युद्ध में खर्च करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है। व्लादिमीर पुतिन ने हताशा और निराशा के कारण यूक्रेन पर युद्ध के 48 वें दिन ताबड़तोड़ हमले जारी रखें हुए हैं। इतने दिनों बाद भी रूस की सेना यूक्रेन की राजधानी कीव पर कब्जा नहीं करनें की वजह से रूस के ब्रिगेडियर ,कमांडर और उनकी मैदानी इलाकों की सेना का मनोबल अब धीरे-धीरे टूट रहा तथा बड़े भारी मनोवैज्ञानिक दबाव से गुजर रहे हैं। व्लादिमीर पुतिन के एक विश्वस्त क्रूर कमांडर आजातबैक की बूचा में नरसंहार की घटना ने
पूरे वैश्विक जगत के सामने रूस तथा व्लादिमीर पुतिन और कमांडर आजातबेक को युद्ध अपराधी की तरह खड़ा कर दिया है। इस नरसंहार के बाद रूसी सेना और उसका कमांडर आजातबेक उस शहर से भाग खड़े हुए है, सारी निंदा और अमेरिका ब्रिटेन ऑस्ट्रेलिया फ्रांस इटली और भारत सहित यूरोपीय देशों के विरोध का पात्र रूस की सेना एवं व्लादिमीर पुतिन बने हुए हैं। रूस की सेना में भारी निराशा छाई हुई है अब रूस की सेना में विरोध भी शुरू हो गया है। बुच शहर में नरसंहार के बाद न सिर्फ विश्व भर में रूस कि इस भयावह कार्यवाही का विरोध किया गया है, बल्कि मास्को तथा रूस के अन्य शहर में रूसी नागरिकों ने भी इस भयानक निर्दोष नागरिकों के नरसंहार सड़कों पर आकर विरोध किया है। व्लादीमीर पुतिन की विस्तार वादी नीति एवं अहम की जिद के कारण रूस के सैनिकों की मृत्यु भी रूस के नागरिकों का विरोध का कारण बनी हुई है। इससे बिल्कुल विपरीत यूक्रेन में नागरिकों का पूरा समर्थन वहां के राष्ट्रपति जेलेंस्की को खुलकर प्राप्त हो रहा है। रूस के राष्ट्रपति तथा वहां के कमांडरों ने कल्पना नहीं की थी कि रूस यूक्रेन के विरुद्ध इतना कमजोर पड़ जाएगा की युद्ध 48 दिन तक लंबा खींचा चला जाएगा। यह रूस के राष्ट्रपति तथा उनके कमांडरों तथा सेना की हताशा ही है कि वे किसी भी तरह बातचीत से हल निकालने की बजाए यूक्रेन के सारे शहरों में ताबड़तोड़ हमले कर रही है और वहां के शहरों और नागरिकों पर कहर ढा रही है, पर हालात यह है कि यूक्रेन की सेना और नागरिक तथा राष्ट्रपति किसी तरह रूस के किसी भी दबाव के सामने झुकते नजर नहीं आ रहे हैं।
न्यूज़ एजेंसी सी,एन,एन अनुसार रूस के यूक्रेन पर आक्रमण के जवाब में अमेरिका तथा अन्य यूरोपीय देशों के अनेक आर्थिक तथा व्यापारिक प्रतिबंधों से रूस की आर्थिक स्थिति तो जरूर खराब हुई है। इसके अलावा व्लादिमीर पुतिन की दोनों पुत्रियों मारिया और केटेरीना अमेरिका ने प्रतिबंध लगा दिया है। अमेरिकी प्रतिबंध के दायरे में पुतिन की बेटियों के अलावा प्रधानमंत्री रूसी विदेश मंत्री सुरक्षा परिषद के सदस्य एवं पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव को भी रखा गया है। संयुक्त राज्य अमेरिका ने रूस वित्तीय संस्थानों के खिलाफ कढ़ी प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की है इस तरह के दंड ने पुतिन के परिवार के सभी करीबी सदस्यों की अमेरिकी वित्तीय प्रणाली से पूरी तरह काट दिया गया एवं अमेरिका में उनकी सारी संपत्तियों और बैंक बैलेंस को पूरी तरह फ्रीज कर दिया गया है। लगभग 36 वर्ष पहले पुतिन ने ल्यूडमिला नामक रूसी एयरलाइंस की फ्लाइट अटेंडेंट से विवाह किया था। उसके बाद वे दो पुत्रियों के पिता भी बने हैं उनकी बड़ी बेटी मारिया 37 वर्ष वह छोटी कैटरीना 35 वर्ष की है। जो पुतिन के साथ रूस में ही निवास कर रही हैं। पुतिन के राष्ट्रपति बनने के साथ ही उनकी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और मीडिया में भी परिवार की कोई फोटो मीडिया के पास भी नहीं है।
भारत अपनी गुटनिरपेक्ष विदेश नीति के कारण रूस का मित्र तो है, पर अमेरिका तथा यूरोपीय देशों के साथ उसके संबंध मित्रवत एवं व्यापारिक बने हुए हैं। रूस के विदेश मंत्री ने भारत यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सुलह करवाने का पुतिन का संदेश भी दिया था और अब ताजा घटनाक्रम में अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपनी तरफ से अनुशंसा कर नरेंद्र मोदी के साथ वर्चुअल मीटिंग भी आहूत की है। जिसमें विश्व शांति की बात को बड़ी अहमियत दी गई है। अब पूरा विश्व भारत की तरफ देख रहा है कि यूक्रेन रूस युद्ध में भारत कब और कैसे दोनों देशों की मदद कर शांति का मार्ग प्रशस्त करता है।

संजीव ठाकुर











 
       छत्तीसगढ़

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