मनुष्य के हाथ में अपना जन्म तो नहीं होता है।पर जन्म लेने के बाद अपना जीवन जीना तो उसके हाथ में होता है। अच्छा जीवन जीने के लिए उसे क्या करना होगा? इस प्रश्न की तह में जायेंगे।तो हम पायेंगे की हमें अच्छा साहित्य पढ़ने की जरूरत है। साहित्य पढ़ने से काफी कुछ बातें जानने व समझने को मिलती है।कहा भी जाता है कि *साहित्य समाज का दर्पण होता है* समाज व्यक्तियों से मिलकर ही बनता है।अच्छे व्यक्ति होंगे तो वह समाज भी अच्छा/सभ्य होगा। कैसे साहित्य इंसान में इंसानियत के गुण पैदा करने में सक्षम होता है। किसी भी समाज की आर्थिक, सामाजिक, राजनैतिक व भौगोलिक जानकारी के लिए हमें उसका साहित्य पढ़ना पड़ेगा। उस समाज का प्राचीन इतिहास ,सामाजिक जीवन कैसा था? उसमें समय- समय पर क्या-क्या बदलाव आया।इन सब की जानकारी हमें साहित्य पढ़ने से ही होती है।मानव जीवन में आने वाले चूनौतियों का सामना करना भी हमे साहित्य सीखाता है।मानव जीवन के कई अनसुलझे प्रश्नो के हल ह साहित्य को पढ़ने से हमें मिलते है।
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