जय जवान-जय किसान
भारत की है आन बान, जय जवान- जय किसान

दोनों ही देश के लिए, करते है जीवन कुर्बान। 

एक देश के भर, अन्न भंडार,जनता को रखता है खुशहाल।

दूजा देश की सीमाओं का, बन पहरेदार।

जनता का रखता है, पूरा हाल और ख्याल।

पर दिनों दिन दोनों की हालत, होती जा रही है खस्ताहाल।

रात-दिन एक करके भी, नही है परिवार खुशहाल।

दोनों के ही खून पसीने पर, भारत भूमि को है बड़ा गुमान।

सच्ची मेहनत सच्ची सेवा, काम दोनों का एक समान
 
जब जब भी मातृभूमि पर, आए संकट के बादल

दोनों ने ही अपनी उर्जा से, समय को दिया बदल।

दोनों उपासक रहे है, हमेशा क्रांति के।
हरित क्रांति हो, या बनानी हो शांति।

 देश सदा ऋणी रहेगा, इनके त्याग व बलिदान का।

देश का बच्चा-बच्चा, सदा करेगा यशोगान इनका।

हंसराज हंस कहे दोनों है, भारत माता के सच्चे लाल। 
इनके बढ़िया होगे हाल- चाल, जब ही भारत देश  होगा मालामाल।

हंसराज 'हंस' 








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