लखनऊ विश्वविद्यालय के अभियांत्रिकी संकाय के ट्रेंनिंग एंड प्लेसमेंट सेल के अंतर्गत छात्रों के लिए "कोविड 19 के समय कैसे रखें खुद को तनाव मुक्त" विषय पर वेबीनार का आयोजन डॉ हिमांशु पांडेय द्वारा किया गया|
वेबीनार मे डॉ राजलक्ष्मी श्रीवास्तव(लाइफ कोच, कॉरपोरेटट्रेनर एंड स्ट्रेसकाउंसलर) ने कहा कि भागती-दौड़ती ज़िंदगी में अचानक लगे ब्रेक से, छात्रों के लिए पूरा माहौल बदल गया है| अचानक से कॉलेज बंद हो गए है, बाहर नहीं जाना है और दोस्तों व रिश्तेदारों से भी दूर हैं| दिनभरकोरोनावायरस की खबर व चर्चा के बीच, एक बंद कमरे में अनिश्चित भविष्य के बारे में सोचकर छात्रों को मानसिक तनाव से गुजरना पड़ रहा है| तनाव का मुख्य कारण: कोरोनावायरस से संक्रमित होने का डर, क्लासरूमलेक्चर न होने के कारण पढ़ाई में अच्छे प्रदर्शन की अनिश्चितता और लॉकडाउन के कारण आया अकेलापन हो सकता है| उन्होंने कहा कि सामान्य तनाव हमें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहन देता है लेकिन ज़्यादा तनाव का असर शरीर, दिमाग़, भावनाओं और व्यवहार पर पड़ता है| फ़िलहाल कोरोना को लेकर इतनी अनिश्चितता और उलझन है कि कब तक सब ठीक होगा, कहना मुश्किल है, इस नकारात्मक माहौल में तनाव से बाहर आने के लिए सकारात्मक सोच के साथ एक स्वस्थ जीवन शैली बनाए रखें - उचित आहार, नींद, व्यायाम और सामाजिक संपर्कों सहित घर पर प्रियजनों के साथ और फोन पर दोस्तो के साथ समय व्यतीत करें। उन्होंने बताया कि हम हमेशा शिकायत करते थे कि हमारे पास वक्त ही नहीं होता योगा या मेडिटेशन करने का, हमें शौक तो बहुत है बागवानी का, खाना बनाने का, डांस करने का या अपनी मन पसंदीदा चीज करने का पर हमारे पास समय ही नहीं रहता| लेकिन लॉकडाउन ने इस चुनौतीपूर्ण समय में अपने को उन मनपसंदीदा कार्य एवं स्किल्समे संलग्न करने का वक्त दिया है, जिनकी मदद से हम अपनी भावनाओं को प्रबंधित कर सुख और शांति की अनुभूति कर सकते है|
तनाव और मन से नकारात्मक विचारों को दूर करने के लिए सबसे बेहतर उपाय है कि रोजाना योग और प्राणायाम का अभ्यास करें। इससे न सिर्फ आपकी सेहत दुरुस्त होगी बल्कि मन को सुकून भी मिलेगा। आप चाहें तो घर के किसी शांत कोने में बैठकर मेडिटेशन भी कर सकते हैं। इससे भी आपको लाभ होगा| छात्र इस समय का उपयोग ऑनलाइन सर्टिफिकेशन कोर्स को कर अपनी स्किल्स एवं एकेडमिकअचीवमेंट को बढ़ाने के साथ म्यूजिकलइंस्ट्रूमेंट, नयी भाषा, कैलिग्राफी या बीटबॉक्सिंग जैसा कोई कौशल सीखने मे कर सकते है| इससे व्यस्त रहने के साथ-साथ कुछ करने की संतुष्टि भी बनी रहती है | इसमें यूट्यूब और ऑनलाइन ट्यूटोरियल खासे मददगार साबित होते है| इसके अलावा पेंटिंग, राइटिंग, बुक रीडिंग व कुकिंग जैसे तमाम शौक पूरे करके तनावमुक्त रह सकते हैं|
उन्होंने छात्रों को पढ़ाई के साथ अपनी स्लीप साइकिल को भी नियमित रूप से नियंत्रित करने का सुझाव दिया क्योंकि अच्छी निद्रा से इंसान हमेशा तनाव मुक्त रहता है|
छात्र अपने पुराने बायलॉजिकलशेड्यूल के अनुसार दिनचर्या चलने दें| ज़बरदस्ती अपने लिए नया शेड्यूल और काम तय ना करें| अपने को बदली हुई परिस्थितियों में एडजस्ट होने का समय दे.
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